Garuda Purana: अगर आपने शादी से पहले किए हैं कुछ ऐसे काम तो मिलेगा आपको उसका फल जानिए

Garuda Purana हमारे हिंदू धर्म के अनुसार माने तो गरुड़ पुराण को मनुष्य के मोक्ष का एक मार्ग बताया है। ऐसा माना जाता है कि अगर व्यक्ति अपनी जिंदगी में सफल होना चाहता है तो वह गरुड़ पुराण मे बताए गए उपदेशों का पालन करें। अगर व्यक्ति गुरु पुराण के ज्ञान का पालन करता है तो वह आने वाली समस्याओं से भी बच सकता है।

 

Garuda purana

 

Garuda Purana – गरुड़ पुराण के अनुसार बताया गया है कि मनुष्य को शादी से पहले कुछ ऐसे कार्य नहीं करनी चाहिए जिससे कि वह पाप के भागीदार बने।


गरुड़ पुराण मे मृत्यु के बाद का सच व कुछ ऐसी परिस्थितियों के के बारे में बताया गया है जिन को जानकर मनुष्य अपने कल को बदल सकता है। इसमें मनुष्य अपने जीवन में कामयाब होने के साथ-साथ अपने आयु काल को भी कैसे बढ़ा सकता हैं उसके बारे में भी बताया गया है।
हम जानते हैं कि मनुष्य अपने जीवनसाथी के बारे में शादी से पहले और शादी के बाद क्या सोचता है। मनुष्य शादी के बाद अपने जीवनसाथी के बारे में कई सपने देखता है और उसके साथ अपनी जिंदगी के उन दृश्यों को भी देखता है जिनमें उनकी जिंदगी का पहिया डगमगाने लगता है। अर्थात वे एक दूसरे को लड़ते-झगड़ते हुए देखते हैं।

 

शादी में बंधे हुए मनुष्यों का जीवन

शादी में बंधे हुए उन दो व्यक्तियों को अपनी जिंदगी के रथ को आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे के विश्वास के साथ जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब उनके जीवन में छोटी-छोटी गलतियां उन्हें दिखाई देती हैं तो उसमें उन्हें अपने जीवन साथी का साथ देकर उन गलतियों को बुलाकर अपनी जिंदगी के रथ को आगे बढ़ाना होता है।

गरुण पुराण में भी जीवनसाथी से जुड़े कर्तव्यों के बारे में बताया गया हैं और यह भी बताया गया है कि कब जीवन साथी के साथ एक छत के नीचे रहना नर्क के समान माना गया है कई बार हमारे द्वारा की जाने वाली गलतियों के कारण हमारा रिश्ता आगे नहीं बढ़ पाता है और जिंदगी नर्क के समान हो जाती है गरुड़ पुराण में भी इस बात का उल्लेख किया गया है।

 
 

शादी से पहले ना करें ऐसी गलतियां

गरुड़ पुराण के अनुसार बताया गया है कि मनुष्य जब शादी से पहले कुछ ऐसी गलतियां कर दें जिनके कारण उनके जीवनसाथी को दुख में दर्द का सामना करना पड़े तो वह किये हुए कार्य उनके नर्क का कारण बनता है। गरुड़ पुराण में उल्लेखित वर्णों के अनुसार यदि मनुष्य शादी से पहले अपने जीवनसाथी के अलावा किसी अन्य मनुष्य के बारे में गलत विचारों का स्मरण करता है तो वह मनुष्य पाप का भागीदार बनता है।

शादी से पहले मनुष्य यह सोचता है कि वह अपने जीवनसाथी को धोखे में रख कर अपने जीवन को जीता रहेगा तो यह उसकी एक भूल है क्योंकि गुरुड़ पुराण के अनुसार बताया गया है शादी एक ऐसा पवित्र रिश्ता होता है जिसमें स्त्री व पुरुष अग्नि के सात फेरे लेकर भगवान के सामने शपथ लेते हैं कि वे एक दूसरे के प्रति अपनी पूर्ण कर्तव्यों का पालन करेंगे। शादी से पहले मनुष्य अपने जीवन साथी को धोखे में रखता है तो वह पाप का भागीदार बनता है जिसके कारण उसको अपने पाप का दंड अवश्य भोगना पड़ता है।

( डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है Seetoknow.in इसकी पुष्टि नहीं करता है )

 

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